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बिना पुलिस की इजाजत के शूटिंग पड़ेगी महंगी

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इस फिल्म के अभिनेता, अभिनेत्री, निर्माता, निर्देशक को हो सकती है जेल  रायपुर। बिना अनुमति फिल्म की शूटिंग करना कितना नुकसान पहुंचा सकता है। इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है। क्योंकि हालत यह है कि फिल्म अभी तक रिलीज भी नहीं हुई और एक्टर, एक्ट्रेस, प्रोड्यूसर, डॉयरेक्टर को हकीकत में हवालात की हवा खानी पड़ सकती है। दरअसल, रील लाइफ की वजह से रियल लाइफ में जेल जाने का ये पहला मौका है। जब रायपुर पुलिस शहर में बिना इजाजत शूटिंग कर रहे अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और गायब टीम की तलाश जारी है। क्या है पूरा मामला- जानकारी के मुताबिक, बिना सूचना बीच शहर में गोलीबारी के विजुअल शूट करने की खबर से पुलिस इस कदर खफा है कि वो इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर के साथ-साथ नकली गोली मारने वाली एक्ट्रेस की भी तलाश कर रही है। या ये कह लीजिए कि उस फिल्मी कहानी में विलेन का रोल हो या न हो, लेकिन पुलिस विलेन बनकर फिल्म का क्लाइमेक्स बढ़ाने जा रही है। महावीर नगर में मर्डर का किया पिक्चराइजेशन- आपको बता दें, राजधानी के महावीर नगर में कुछ दिन पहले फिल्म की शूटिंग हुई थी

अफसरशाही दिखाने वाले निपट गए, अधिकारियों पर हावी हमारे मंत्री

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यूं तो शासन और प्रशासन के बीच तल्खियां कोई नई बात नहीं है। यही वजह है कि कभी मंत्री व विधायक अधिकारियों की शिकायत करते हैं, तो कभी अधिकारी मंत्री व विधायकों की शिकायत करते हैं, कभी-कभार तो दोनों एक दूसरे पर गंभीर आरोप तक जड़ देते हैं। दरसअल, इस तकरार का जिक्र इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि बीजेपी के बस्तर प्रभारी सुनील सोनी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अफसरशाही दिखाने वाले कुछ अधिकारी निपट गए हैं और अब हमारे मंत्री अधिकारियों पर हावी हो रहे हैं। सुनील जगदलपुर में पार्टी के कामकाज की समीक्षा करने के साथ ही कार्य कर्ताओं को चुनावी टिप्स देने पहुंचे थे। --------------------------------------------- बस्तर/जगदलपुर। क्या है पूरा मामला- जानकारी के मुताबिक, पखवाड़े भर पहले जगदलपुर के बकावंड में 55 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा हटाने गए अधिकारियों के खिलाफ भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोलते हुए हंगामा किया था। हालात ये हो गए थे कि स्थिति को काबू में करने के लिए प्रशासन को पुलिस बल भी बुलाना पड़ा था। प्रशासन की इस कार्रवाई से बस्तर में भाजपा के कई दिग्गज नेता नाराज थे और इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री से

रेत माफिया कर रहे महानदी का सीना छलनी

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 राज्य की जीवन रेखा कही जाने वाली महानदी का सीना अवैध रेत माफिया खाली करते जा रहे हैं। तो वहीं माइनिंग विभाग के अधिकारी इससे अनजान बनने का स्वांग रच रहे हैं। अवैध हथियारों के दम पर ये माफिया महानदी की रेत खुलेआम बेंच कर पैसे कमा रहे हैं और सरकारी खजाने को चूना लग रहा है। पर्यावरण का जो नुकसान हो रहा है सो अलग। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि आखिर ऐसा कब तक चलेगा?  महासमुंद । प्रशासन नहीं कर रहा कोई कार्रवाई- छत्तीसगढ़ के महासमुंद में खनिज माफियाओं का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा।  दिनों दिन माफियाओं के बढ़ते कदम से महानदी की छाती छलनी-छलनी होती नजर आ रही है। हैरत की बात तो यह है कि जिला प्रशासन भी इन माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही।  जिससे माफियाओं के हौसले बुलंद है। महानदी किनारे बसे महासमुंद को प्राकृतिक संपदाओं से भरा जिला माना जाता है। जहां कई प्रकार के खनिज संपदाओं का खदान है।  महानदी के किनारे दर्जनों गांवों की बसाहट है।  इन्हीं में से एक गांव है मुढ़ैना जहां फर्शी पत्थर और रेत का खदान ही गांव वालों के आजीवका का साधन है।  लेकिन गांव वाले तो महज मजदूर बनकर ही जीवनयापन कर

पहले शराब लाओ तब होगा पोस्टमार्टम

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-गरीबों की मौत पर अधिकारी और कर्मचारी कैसे जश्र मनाते हैं इसका जीता जागता नमूना बिलासपुर के आदिवासी विकासखंड गौरेला में देखने को मिला। यहां एक पुलिस वाले ने सड़क हादसे में मरी एक बैगा महिला का पोस्टमार्टम करवाने से पहले ही शराब के बोतल की मांग कर दी। उसका कहना था कि पहले शराब की बोतल लाओ फिर होगा पोस्टमार्टम। शिकायत के बाद अब पुलिस के अधिकारी कार्रवाई की बात कर रहे हैं। सवाल है कि आखिर राज्य की पुलिस इतनी संवेदनहीन क्यों हो चुकी है? पुलिसवालों ने मांगी शराब, कहा-बोतल लेकर लाओ तभी होगा पोस्टमार्टम बिलासपुर। क्या है पूरा मामला- दरअसल पूरा मामला गौरेला थानाक्षेत्र के चुक्तीपानी गांव का है।  जहां गुरूवार शाम जगंल से लकड़ी लाते समय अज्ञात बोलेरो वाहन की ठोकर से गांव की रहने वाली इतवरिया बाई बैगा की मौत हो गयी।  जिसकी जानकारी गांव के लोग और परिजनों ने गौरेला पुलिस को दी। पुलिसवालों ने मांगी शराब, कहा-बोतल लेकर लाओ तभी होगा पोस्टमार्टम जिसके बाद गौरेला पुलिस ने शव का मर्ग पंचनामा की कार्रवाई कर शव को गौरेला थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी बिहारी लाल उपाध्याय को शव का पोस्टमार्टम कराने की जवाबदार

अभियान पर अभिमान

दंतेवाड़ा का दिव्यांग सोमारू प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में दिलोजान से जुटा हुआ है। दोनों पैरों से अपंग होने के बावजूद भी उसने शौचालय के लिए सेप्टिक टैंक खोद लिया। उसके बाद उसमें ईटों की जोड़ाई भी हो गई है। इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि सोमारू ने सेप्टिक टैंक की खुदाई खुद की है। सोचकर भी आश्चर्य होता है कि एक दिव्यांग कैसे इतने गहरे सेप्टिक टैंक की खुदाई कर लेगा? अगर करेगा तो मिट्टी कैसे निकालेगा, मगर सोमारू ने इस काम को भी बखूबी अंजाम दिया। यहां ये भी बताना जरूरी है कि सोमारू कभी बैलाडीला लौह खदान ममें मजदूरी करता था। एक विस्फोट की चपेट में आने के कारण उसके दोनों पैर कट गए। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को लोगों ने जमकर सम्मान दिया। किसी ने बकरियां बेंची तो किसी ने गहने और किसी ने जमीन। इन सबसे अलग एक दोनों पैरों से दिव्यांग ने अपनी मेहनत के दम पर सेप्टिक टैंक खोदकर मिसाल कायम की। इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी। कभी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी कहा था कि इंसान शरीर से नहीं दिमाग से चलता है। उनके इस कथन को इस युवा ने शब्दश: स

Front and Last page of Hamari Sarkar of 6th Januaury -17

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क्या रोहिंग्या मुसलमान नहीं हैं इंसान

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म्यांमार में हो रहा है गैंगरेप, टॉर्चर और मर्डर, दुनिया भर के कई देश आतंकी घटनाओं या गृहयुद्ध का सामना कर रहे हैं। जिसके चलते दुनिया भर में रिफ्यूजी की संख्या लाखों की तादात में बढ़ती जा रही है। इनमें भारत के पड़ोसी देश म्यांमार का नाम भी शामिल है। यहां बौद्ध धर्म के अनुयायी और अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिमों के बीच कत्लेआम जारी है। इससे रोहिंग्या मुस्लिम देश छोड़कर बांग्लादेश में शरण ले रहे हैं। और तो और यहां सेना भी कर रही है रोहिंग्या मुसलमानों का कत्लेआम...। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या रोहिंग्या मुसलमान इंसान नहीं हैं? अगर हैं तो फिर क्या दुनिया के मानवाधिकारवादियों की आंखों पर पट्टी बंधी है जो उनको  ये घटनाएं नहीं दिखाई दे रही हैं? ढाका/ नई दिल्ली।  क्या है पूरा मामला-  संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी संस्था यूएनएचसीआर के मुताबिक, म्यांमार में अब सेना भी रोहिंग्या मुसलमानों की हत्याएं कर रही है। सुरक्षा बल रोहिंग्या समुदाय के पुरुषों व बच्चों तक का कत्ले-ए-आम कर रहे हैं। महिलाएं रेप का शिकार हो रही हैं और मुस्लिमों के घरों को आग के हवाले किया जा रहा है। इसके चलते मजबूर